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AlgoMaxx Pro Indicator - हिन्दी
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  • AlgoMaxx Indicator का परिचय
  • फीचर्स का अवलोकन (Features Overview)
  • कौनसे Buy-Sell सिग्नल्स को अवॉइड करना चाहिए?
  • किस सिग्नल पर ट्रेड करना चाहिए?
  • AlgoMaxx Indicator के लिए आवश्यक सेटिंग्स
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किस सिग्नल पर ट्रेड करना चाहिए?

Previousकौनसे Buy-Sell सिग्नल्स को अवॉइड करना चाहिए?NextAlgoMaxx Indicator के लिए आवश्यक सेटिंग्स

Last updated 6 months ago

1. ट्रेंड और ज़ोन का मेल होने पर ट्रेड करें

  • डिमांड ज़ोन के पास बाय सिग्नल:

    • प्राइस डिमांड ज़ोन के पास हो और बाय सिग्नल मिले।

    • कंफर्म करें कि डिमांड ज़ोन के पास RSI ओवरसोल्ड हो (30 के करीब)।

    • EMA रिबन और ट्रेंड रिबन का सपोर्ट हो:

      • EMA और प्राइस ऊपर की ओर बढ़ रहे हों।

    • इस स्थिति में बाय सिग्नल पर ट्रेड करें।

  • सप्लाई ज़ोन के पास सेल सिग्नल:

    • प्राइस सप्लाई ज़ोन के पास हो और सेल सिग्नल मिले।

    • कंफर्म करें कि सप्लाई ज़ोन के पास RSI ओवरबॉट हो (70 के करीब)।

    • EMA रिबन और ट्रेंड रिबन का सपोर्ट हो:

      • EMA और प्राइस नीचे की ओर बढ़ रहे हों।

    • इस स्थिति में सेल सिग्नल पर ट्रेड करें।


2. ब्रेकआउट और रिट्रेसमेंट कंफर्म होने पर ट्रेड करें

  • डिमांड ज़ोन के नीचे ब्रेकडाउन और रिट्रेसमेंट:

    • प्राइस डिमांड ज़ोन के नीचे ब्रेक करे।

    • वापस डिमांड ज़ोन तक रिट्रेस हो और ज़ोन के पास रेजेक्शन हो।

    • इसके बाद मिलने वाले सेल सिग्नल पर ट्रेड करें।

  • सप्लाई ज़ोन के ऊपर ब्रेकआउट और रिट्रेसमेंट:

    • प्राइस सप्लाई ज़ोन के ऊपर ब्रेक करे।

    • वापस सप्लाई ज़ोन तक रिट्रेस हो और ज़ोन के पास बाउंस हो।

    • इसके बाद मिलने वाले बाय सिग्नल पर ट्रेड करें।


3. RSI और वॉल्यूम का कंफर्मेशन हो

  • RSI कंफर्मेशन:

    • बाय सिग्नल: RSI ओवरसोल्ड (30 के पास) हो।

    • सेल सिग्नल: RSI ओवरबॉट (70 के पास) हो।

  • वॉल्यूम कंफर्मेशन:

    • ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन के समय हाई वॉल्यूम होना चाहिए।


4. मल्टी-टाइमफ्रेम एनालिसिस का उपयोग करें

  • छोटे और बड़े टाइमफ्रेम का मेल:

    • छोटे टाइमफ्रेम (15 मिनट) पर सिग्नल कंफर्म करें।

    • बड़े टाइमफ्रेम (1 घंटा या 4 घंटा) पर ट्रेंड का कंफर्मेशन देखें।


5. ट्रेंड के साथ ट्रेड करें

  • ट्रेंड रिबन और EMA रिबन का कंफर्मेशन:

    • जब ट्रेंड रिबन हरे (बुलिश) या लाल (बेयरिश) हों।

    • प्राइस EMA रिबन के ऊपर (बुलिश) या नीचे (बेयरिश) हो।


सिग्नल पर ट्रेड करने के लाभ

  1. हाई-प्रॉबेबिलिटी ट्रेड्स:

    • ऐसे सिग्नल्स अधिक सटीकता प्रदान करते हैं।

  2. कम रिस्क:

    • ज़ोन और इंडिकेटर का मेल रिस्क को कम करता है।

  3. बेहतर रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो:

    • ट्रेड्स का परिणाम अधिक लाभकारी होता है।

  4. डिसिप्लिन्ड ट्रेडिंग:

    • अनावश्यक और फॉल्स सिग्नल्स को अवॉइड करने में मदद मिलती है।


सही सिग्नल्स पर ट्रेड करने की प्रक्रिया

  1. सिग्नल के ज़ोन और ट्रेंड के साथ मेल की जांच करें।

  2. RSI और वॉल्यूम से सिग्नल को वेरिफाई करें।

  3. मल्टी-टाइमफ्रेम एनालिसिस करें।

  4. ब्रेकआउट और रिट्रेसमेंट के बाद सिग्नल कंफर्म करें।

  5. केवल हाई-प्रॉबेबिलिटी सिग्नल्स पर ट्रेड करें।